Thursday, September 2, 2010

राधा कृष्ण


ना तुम
कृष्ण
ना मैं
राधा
फिर भी
तेरे बिन
मैं आधी
मेरे बिन
तुम आधा



ना मैं
गोपी
ना तुम
कन्हैया
फिर भी
कैसे तुम
बन गए
मेरे मन के
खेवैया

नहीं तुझमे
सोलह कला
ना ही मुझमे
कोई चमत्कार
कहो ना
फिर भी
क्यों करते हैं हम
राधा कृष्ण सा प्यार

8 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति कृष्ण जन्माष्टमी के पर र आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ

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  2. वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

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  3. क्योंकि राधा है मन में और कृष्ण हैं प्यार में

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  4. राधा कृष्ण का प्रेम अप्रतिम है।

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  5. फिर भी
    कैसे तुम
    बन गए
    मेरे मन के
    खेवैया
    भक्तिमय कर दिया आपने तो.बहुत सुन्दर प्रस्तुति.

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  6. वाह वाह वाह ,निकलता ही जा रहा है ।

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