Sunday, December 4, 2022

 दुआ 


दुआ सदा संग रहती है 

बददुआ कभी पीछा नहीं छोड़ती | 


मतलब तो एक ही है 

दोनों को रहना है संग ताउम्र  | 


कहाँ कोई फर्क है इनमें 

महीन सी रेखा है बीच में  | 


बदल सकते हैं दुआ में 

किसी भी बददुआ को  | 


बस पढ़ना होगा वो मन 

जिसने दी है कोई बददुआ | 


मन के पन्ने पर लिखना होगा 

थोड़ा सम्मान , सदभावना जरा सी  | 


हौले से चस्पां करनी होगी 

एक इमोजी स्माइल वाली  | 


दुआ और बददुआ दोनों ही 

एक ही सिक्के के दो पहलू  हैं | 


मन यदि खुश तो दुआ 

गर हो जाए आहत तो बददुआ  | 


उठे जो हाथ दुआ के लिए 

सलामती सबकी हो शामिल | 


ईश्वर से सिर्फ यह विनती 

न फले कभी कोई बददुआ  | 

         *****



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