दुआ
दुआ सदा संग रहती है
बददुआ कभी पीछा नहीं छोड़ती |
मतलब तो एक ही है
दोनों को रहना है संग ताउम्र |
कहाँ कोई फर्क है इनमें
महीन सी रेखा है बीच में |
बदल सकते हैं दुआ में
किसी भी बददुआ को |
बस पढ़ना होगा वो मन
जिसने दी है कोई बददुआ |
मन के पन्ने पर लिखना होगा
थोड़ा सम्मान , सदभावना जरा सी |
हौले से चस्पां करनी होगी
एक इमोजी स्माइल वाली |
दुआ और बददुआ दोनों ही
एक ही सिक्के के दो पहलू हैं |
मन यदि खुश तो दुआ
गर हो जाए आहत तो बददुआ |
उठे जो हाथ दुआ के लिए
सलामती सबकी हो शामिल |
ईश्वर से सिर्फ यह विनती
न फले कभी कोई बददुआ |
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