हर राह
करे इन्तजार
ले जाने को
सदैव तैयार
कुछ हल्के
भारी भरकम
कहीं लम्बे
दूरी के कम
साथ निभाते
मंजिल तक
लौट भी जाते
आखें ढक
करते तय
सांझ ढले
आना कल
अब मिले गले
आसान नहीं
रास्ता एक
मुश्किलें कई
राजा या रंक
कठिन रास्ते
एक चुनौती
जाना उस पर
हंसी बिखराती
मील का पत्थर
तुम्हीं बनो
राह से हटकर
नयी राह गढ़ो.
नयी राहों कि खोज करने की प्रेरणा देती अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteबेहतरीन!
ReplyDeleteसादर
बहुत ही सार्थक सन्देश देती कविता... अपनी राह खुद बनाने वाले ही बुद्ध, ईसा या सुकरात होते हैं!!
ReplyDeleteवाह जी, बहुत सुंदर, क्या कहने
ReplyDeleteआसान नहीं
रास्ता एक
मुश्किलें कई
राजा या रंक
बहुत सुन्दर संदेश देती रचना।
ReplyDeleteजैसी हो एक राह नयी हो,
ReplyDeleteजी लेने की चाह नयी हो।
मील का पत्थर
ReplyDeleteतुम्हीं बनो
राह से हटकर
नयी राह गढ़ो.
Wah! Bahut khoob!
मील का पत्थर
ReplyDeleteतुम्हीं बनो
राह से हटकर
नयी राह गढ़ो.
सुंदर पन्तियाँ सन्देश देती रचना बढ़िया पोस्ट,....
मेरे पोस्ट में आने के लिए आभार,,,,,
वाह ...बहुत बढिया।
ReplyDeletewaah bahut khub
ReplyDeleteवाह...कमाल की नज़्म कही है आपने...बधाई
ReplyDeleteनीरज
maafi chaahti hun picchli apki post par comment nahi kar payi thi.
ReplyDeleteye prastuti bhi bahut prerna dayak hai.
कुछ सरल-सी,कुछ गड्ड-मड्ड-सी.....कबिताई ऐसी हो जो दिल से निकले और बस छू जाए !
ReplyDeleteकल 23/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सार्थक, प्रेरक कविता...
ReplyDeleteसादर बधाई......
मील का पत्थर
ReplyDeleteतुम्हीं बनो
राह से हटकर
नयी राह गढ़ो.
...बहुत सुन्दर...
मील का पत्थर
ReplyDeleteतुम्हीं बनो
राह से हटकर
नयी राह गढ़ो.
bahut sundar panktiyan
नई राह की खोज अच्छी लगी |भावपूर्ण रचना |बधाई |
ReplyDeleteआशा
मील का पत्थर
ReplyDeleteतुम्हीं बनो
सुंदर भाव ...
मील का पत्थर
ReplyDeleteतुम्हीं बनो
राह से हटकर
नयी राह गढ़ो....बढ़िया!!
खूबसूरत...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता । ब्लाग पर आने का शुक्रिया । आती रहिये ।
ReplyDelete"टिप्स हिंदी में" ब्लॉग की तरफ से आपको नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteटिप्स हिंदी में