एक दीया कहे एक दीये से ,
आओ चलें तम की ओर।
फैलाएं उजियारा
है पर्व प्रकाश का ,
हो कोई न उदास हो
ये वादा हमारा ।
लौ से लौ मिले ,
जगमग है सृष्टि सारी
मिटकर भी दें चांदनी ,
यही फितरत हमारी ।
दीवाली हो आपके जीवन में ,
बस आगे बढते जाएँ ।
खवाबो में भी जो हो हसरत ,
ईश्वर पूरी करते जाएँ ।
महालक्ष्मी का हो आगमन ,
आपके नेह कुटीर में ,
रुनझुन रुनझुन सी गूंजें ,
आपके परिवेश में ।
स्वस्थ और दीर्घाऊ हो ,
छौनों का सुंदर रूप ।
बढते देख विभोर हैं
कि हैं मेरे प्रतिरूप ।
हर पल बढे एक दीया ,
मान , सम्मान और वैभव का ।
लौ उसकी जलती रहे ,
हो तेल गरिमा और स्नेह का ।
लौ देख तुम्हे मुस्काती रहे
कि न हो भेंट दीये के तल से ।
दीवाली आपको हो मुबारक ,
हम सब कहें बहुत मन से ।
आओ चलें तम की ओर।
फैलाएं उजियारा
है पर्व प्रकाश का ,
हो कोई न उदास हो
ये वादा हमारा ।
लौ से लौ मिले ,
जगमग है सृष्टि सारी
मिटकर भी दें चांदनी ,
यही फितरत हमारी ।
दीवाली हो आपके जीवन में ,
बस आगे बढते जाएँ ।
खवाबो में भी जो हो हसरत ,
ईश्वर पूरी करते जाएँ ।
महालक्ष्मी का हो आगमन ,
आपके नेह कुटीर में ,
रुनझुन रुनझुन सी गूंजें ,
आपके परिवेश में ।
स्वस्थ और दीर्घाऊ हो ,
छौनों का सुंदर रूप ।
बढते देख विभोर हैं
कि हैं मेरे प्रतिरूप ।
हर पल बढे एक दीया ,
मान , सम्मान और वैभव का ।
लौ उसकी जलती रहे ,
हो तेल गरिमा और स्नेह का ।
लौ देख तुम्हे मुस्काती रहे
कि न हो भेंट दीये के तल से ।
दीवाली आपको हो मुबारक ,
हम सब कहें बहुत मन से ।
No comments:
Post a Comment