होली आने में दिवस बचे
रंगों की फुहार चली आई ।
हम बाट जोहते कान्हा की
राधा रंग लिए चली आई ।
है मेला रंग, गुलालों का
जज्बातों का, मनुहारों का ।
भांग घोटते , गाते रसिया
थिरक रही गोरी मनबसिया ।
होली मिलन की है तैयारी
मस्ती में झूम रहे नर-नारी ।
है आस मुझे, रंग दूं प्रिय को
लाज, हया तज, अंग लगूं प्रिय के ।
रंग, अबीर सब और, धूम है भारी
चाहे भीगे धानी चुनरिया या फिर भीगे साड़ी ।
बहुत सुन्दर रचना!
ReplyDelete--
उनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ,
बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ,
करें मर्यादित हँसी-ठिठोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
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होलिकोत्सव की शुभकामनाएँ!
होलिकोत्सव की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteहोली मिलन की है तैयारी
ReplyDeleteमस्ती में झूम रहे नर-नारी ।
holi ka drishya upasthit ker diya aapne- shubhkamnayen
होली की मनमोहक प्रस्तुति। होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteहम बाट जोहते कान्हा की
ReplyDeleteराधा रंग लिए चली आई ।
है मेला रंग, गुलालों का
जज्बातों का, मनुहारों का ।
Bahut pyaree rachana!
होली का मस्ती भरा माहौल।
ReplyDeleteमस्त फुहारें लेकर आया,
ReplyDeleteमौसम हँसी-ठिठोली का।
देख तमाशा होली का।।
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होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
ReplyDeleteहोली क रंग में रंगा पोस्ट।
ReplyDeleteहोली है!!
होली की शुभकामनायें...... हैप्पी होली
ReplyDeleteसुन्दर रचना ....
ReplyDeleteआपको होली की शुभकामनाये
...
सुन्दर रचना!
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
हम बाट जोहते कान्हा की
ReplyDeleteराधा रंग लिए चली आई ...
बहुत खूब ... अच्छा लिखा है ... राधा रंग लाई है तो कृष्ण ज़रूर आएँगे ...
बहुत बहुत मुबारक हो रंगों का त्योहार ...
Bahut pyari rachna.
ReplyDeleteshubhkamnayen
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
ReplyDeletedhanyvaad.!
ReplyDeleteP.S.Bhakuni
सुन्दर रचना| धन्यवाद|
ReplyDeleteहोलिका आने के पूर्व स्वागत गीत उत्तम
ReplyDeleteHAPPY HOLI
ReplyDeleteनव-संवत्सर और विश्व-कप दोनो की हार्दिक बधाई
ReplyDeleteहम बाट जोहते कान्हा की
ReplyDeleteराधा रंग लिए चली आई ।
है मेला रंग, गुलालों का
जज्बातों का, मनुहारों का ।...
शब्द-शब्द फागुनमयी सुन्दर अभिव्यक्ति हैं ...हार्दिक बधाई
बंधुवर!
ReplyDelete"डंडा" संत स्वभाव की, यही मुख्य पहचान।
बीज सदा परमार्थ के, करते रहते दान॥
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आपकी प्रभावोत्पादक रचना के लिए साधुवाद!
सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
होली के रंग में रंगा गीत बहुत अच्छा लगा...अब कुछ और पोस्ट करिए...और आप भी आइए...
ReplyDeleteहोली के रंगों जैसी सुन्दर रचना। बधाई।
ReplyDeleteआपके पास विविधता है शब्द सामर्थ्य है ....उम्मीद है बहुत कुछ बांटेंगी ! शुभकामनायें !
ReplyDeleteपहली बार आपके पोस्ट पर आया हूं।रचना अच्छी लगी।मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteहोली पर आपने शानदार लिखा. अब और भी लिखें..
ReplyDeleteदुनाली पर देखें
चलने की ख्वाहिश...
sundar bhaav chitr prastut kiyaa hai kavitaa me .
ReplyDeleteveerubhai
बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने लाजवाब रचना लिखा है जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
ReplyDeleteधन्यवाद् - सादर
ReplyDeleteवाकई बहुत सुंदर भाव और अभिव्यक्ति
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