बहुत दिनों के बाद
निकला है सूरज
बहुत दिनों के बाद
रक्तिम हुई भोर की लाली
बहुत दिनों के बाद
चहकी है नन्हीं गौरैया
बहुत दिनों के बाद
बह निकली पुरवाई
बहुत दिनों के बाद
मंदिर में बज उठे शंख
बहुत दिनों के बाद
मन को लग गए पंख
बहुत दिनों के बाद
गहराई यादें मधुर
बहुत दिनों के बाद
पनीली आँखें सकुचाई
बहुत दिनों के बाद
अधर न कुछ कह पाए
बहुत दिनों के बाद !
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