Tuesday, December 22, 2009

दीया

एक दीया कहे एक दीये से ,
आओ चलें तम की ओर।
फैलाएं उजियारा 
है पर्व प्रकाश का , 

हो कोई न उदास हो 
ये वादा हमारा ।
लौ से लौ मिले , 
जगमग है सृष्टि सारी 

मिटकर भी दें चांदनी , 
यही फितरत हमारी ।
दीवाली हो आपके जीवन में ,
 बस आगे बढते जाएँ ।

खवाबो में भी जो हो हसरत ,
 ईश्वर पूरी करते जाएँ ।
महालक्ष्मी का हो आगमन ,
आपके नेह कुटीर में ,

रुनझुन रुनझुन सी गूंजें ,
आपके परिवेश में ।
स्वस्थ और दीर्घाऊ हो ,
 छौनों का सुंदर रूप ।

बढते देख विभोर हैं
कि हैं मेरे प्रतिरूप ।
हर पल बढे एक दीया ,
मान , सम्मान और वैभव का ।

लौ उसकी जलती रहे ,
हो तेल गरिमा और स्नेह का ।
लौ देख तुम्हे मुस्काती रहे
कि न हो भेंट दीये के तल से ।

दीवाली आपको हो मुबारक ,
हम सब कहें बहुत मन से ।

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