मेरे भाव

Tuesday, January 24, 2023

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      खत  वो खत जो तूने  कभी लिखा ही नहीं  मैं रोज बैठकर  उसका जवाब लिखता हूँ  |   याद आते हैं  वो सुनहरे लम्हे  मैं बंद पलकों में  उन्हें फ...
Tuesday, December 20, 2022

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  शब्द  चाकू, छुरी, तीर और तलवार  लड़ रहे थे कि  सबसे गहरा घाव कौन देगा  "शब्द" पीछे खड़ा मुस्कुरा रहा था  |  हल्दी, नीम, तुलसी  कर ...
Monday, December 12, 2022

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 मंजिल  भीड़ से हटकर कुछ  इस तरह बढ़ना है आसमां को छूकर भी  जमीं पर रहना है | जमीं ने दिया है हौसला  छूने को नीला आकाश  जाकर मैं उस पर रख दूँ ...
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Tuesday, December 6, 2022

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  कच्ची मिटटी  तराशिये खुद को इस तरह  कि स्वयं पर नाज़ हो जाए  कोई और करे न करे  खुद ही से प्यार हो जाए  |  खुदा भी हमसे जब पूछे  कि कौन है म...
Sunday, December 4, 2022

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  दुआ  दुआ सदा संग रहती है  बददुआ कभी पीछा नहीं छोड़ती |  मतलब तो एक ही है  दोनों को रहना है संग ताउम्र  |  कहाँ कोई फर्क है इनमें  महीन सी र...
Monday, November 28, 2022

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 संवाद  संवाद संबंधों को  बनाने का औजार होते हैं  जीवन को सुखमय  बनाने का आधार होते हैं  |  सुखद संवाद ऊर्जा और रस से भरपूर होते हैं  संवादह...
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Tuesday, November 22, 2022

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  ख्वाहिशें  ख्वाहिशों का मोहल्ला बहुत बड़ा होता है  बेहतर है, मुड़ जाएँ  हम  जरूरतों की गली में  |  जरूरतों की गली   के उस छोर पर  कहीं मिल न...
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मेरे भाव
अपने बारे में कहने को कुछ खास नहीं है. दिल्ली में जन्मी, पली बढ़ी, और भारत सरकार की सेवा कर रही हूँ... पढना अच्छा लगता था सो वही से लिखना भी अच्छा लगने लगा.. यदि मन के भावों को , जज्बातों को शब्द देना यदि कविता है, साहित्य है .. तो कविता लिख रही हूँ, साहित्य सृजन कर रही हूं.
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