नदी की चंचलता
पर्वत की नीरवता
कलियों की गुपचुप
झरने की सरगम
सब मन में होते हैं
जब तुम करीब होती हो ।
ये दुनिया
कितनी
खूबसूरत लगती है
जब तुम हौले से
मुस्कुरा देती हो
झरना बहता है भीतर ।
जब तुम
दूर कर देती हो
दूसरों के दुःख
मैं पहाड़ हो जाता हूँ
दृढ हो जाता हूँ ।
तुम सुखद स्मृति
संगीत तुम्हीं में
तुम सुंदर स्वपन
झंकार तुम्हीं में
ख़ामोशी तुम्हारी
कहती सब बात
बिना सुने
समझो दिल का हाल ।
बहुत कुछ
बना देती हो मुझे
सृष्टा हो तुम ।
बहुत सुंदर भाव !!
ReplyDeleteजो व्यक्तित्व बना दे वह सृष्टा।
ReplyDeletebahut sunder
ReplyDeletebahut kuch kahti rachna
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