ईश्वर होना
बहुत आसान है
क्योंकि
वहां होना होता है
सभी संवेदनाओं से परे
सभी भावनाओं से ऊपर
और कष्ट देती हैं
यही संवेदनाएं
यही भाव
अच्छा है ईश्वर
हो तुम
सभी प्रभावित करने वाले
भावों से ऊपर
लेकिन
मेरे ईश्वर
ए़क बार मेरे ह्रदय में
देखो करके वास
जान जाओगे तुम
प्रेम करना
अधिक कठिन है
ईश्वर होने से
अच्छी पंक्तिया है .....
ReplyDeleteअपने विचार प्रकट करे
(आखिर क्यों मनुष्य प्रभावित होता है सूर्य से ??)
http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_07.html
सच में, ईश्वर मान लेना आसान है।
ReplyDeleteईश्वर ने तो मानव का मन पाकर जीया है... राम, कृष्ण .... राम और कृष्ण के आंसू दरअसल हम नहीं देखना चाहते , वे समर्थ हैं , ये हैं, वो हैं मान लेते हैं ..... पर यादों से परे होना कहाँ आसान है !
ReplyDeleteवाह मित्र वाह ...बधाई
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteये बात तो है………………।प्रेम की डगर तो होती ही पथरीली है……………बेहद सुन्दर भाव्।
ReplyDeleteवाह क्या बात कही है ... सच है प्रेम करना कठिन है ...
ReplyDeleteबहुत पसन्द आया
ReplyDeleteहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ...............माफी चाहता हूँ..